दिल्ली न सिर्फ हमारे देश की राजधानी बल्कि इसे दिल वालों की नगरी भी कहा जाता ह। साथ ही यहां धूमने के लिए प्रयटकों की भीड़ वीकेंड पर खूब देखने को मिलती हैं। अगर आप भी अपनी लाइफ में एन्जॉयमेंट के साथ साथ सुकून भी चाहते हैं तो कुछ घंटों की कार ड्राइव के बाद इन जगहों पर आसानी से पहुंच कर पूरा दिन यादगार बना सकते है।
उस जगह की बात करें तो वो हैं दमदमा लेक। आपको बता दें की ये झील दिल्ली से महज 60 किलोमीटर दूर बनी है। इसके अलावा गुरुग्राम-अलवर रोड से भी ये जगह काफी पास है। इस झील पर आकर आप दिल्ली के भीड़भाड़ वाले एहसास को पीछे छोड़ आएंगे। दमदमा लेक आपको सुकून का भारी और बेहतरीन डोज की गारंटी है।
आपको बता दें कि दमदमा लेक हरियाणा की सबसे बड़ी झील है। अगर आपको बोटिंग का शौक है तो इस 70 फीट गहती झील पर आकर आपको कई तरह की बोटिंग करने का मौका मिल सकता है। यहां पर रो बोट, पैडल बोट और मोटर बोट जैसी कई तरह की बोटिंग का मजा लिया जा सकता है।
कब जान रहेगा बेस्ट
यहां पर पानी आमतौर पर 20 से 70 फीट के बीच रहता है। ये भी मॉनसून में रहता है। अगस्त से फरवरी के बीच यहां पानी का लेवल अच्छा रहता है। इस वक्त तो पानी का स्तर 50 से 70 फीट की गहराई तक होता है।
दमदमा लेक आने के लिए सड़क के रास्ते आना चाहते हैं तो ये जगह गुरुग्राम-अलवर हाइवे से कुछ किलोमीटर ही दूर है। दिल्ली से भी ये जगह सड़क के रास्ते दूर नहीं है। आपको रेल के रास्ते यहां आना है तो फ़रीदाबाद रेलवे स्टेशन से ये जगह सिर्फ 21 किलोमीटर दूर है। ये कम खर्च में यहां आने वाला ऑप्शन है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सिर्फ 39 किलोमीटर ही दूर है।
एडवेंचर स्पोर्ट्स-
दमदमा लेक एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी जाना जाता है। यहां आकार रॉक क्लाइबिंग करने के लिए तो दूर-दूर से लोग आते हैं इसके लिए भी यहां कई तरह की फैसिलिटी दी गई हैं। ट्रेकिंग भी यहां की जा सकती है। इस जगह पार आकर अभी देश में कहीं-कहीं होने वाली बंजी जंपिंग का मजा भी लिया जा सकता है। कई दूसरी फैसिलिटी भी यहां दी जाती हैं जैसे- जिपलाइन, बर्मा ब्रिज, कमांडो नेट, टायर क्रॉसिंग, कैट वॉक आदि
कैम्प करें, मजे करें-
दमदमा लेक पर आने वाले लोग कैम्प कर सकती हैं। अपने शहर से बहुत दूर जाए बिना, आप कैम्प करेंगे, ये अब संभव है। दमदमा के किनारे जब पानी की कलकल के बीच आप बार्बीक्यू वाला खाना और संगीत के बिछा समय गुजारेंगी तो आपको अच्छा जरूर लगेगा। 1 रात के लिए जब लाइफ में थोड़ा बदलाव चाहिए हो तो दमदमा की ये कैम्प वाली ट्रिप आपके खूब काम आएगी।
1947 में ब्रिटिश सरकार ने इस झील को रेनवॉटर हार्वेस्टिंग के लिए बनवाया था। पर समय के साथ सबको समझ आ गया कि ये जगह सिर्फ पानी इकट्ठा करने से भी ज्यादा काम की है। अब इस जगह पर 190 प्रजातियों के पक्षी मिल जाएंगे। लेकिन अब तो ये एक बड़ा टूरिस्ट स्पॉट बन कर उभर चुका है।
हॉट एयर बलून वाली राइड-
हॉट एयर बलून में राइड करने की आपकी तमन्ना है तो अब इसके लिए आपको दमदमा लेक तक ही आना होगा। हॉट एयर बलून के साथ आप 5000 फीट की ऊंचाई तक जा सकते हैं। ये राइड पूरे 1 घंटे तक चलती है, इस दौरान आप झील का खूबसूरत नजारा इतनी ऊंचाई से देख सकते हैं।
फिशिंग का मजा-
आप चाहें तो दमदमा लेक पहुंच कर झील के बीचोंबीच फिशिंग का मना भी लिया जा सकता है। ये भी एक फायदा है दमदमा लेक आने का। यहां आने वाले लोगों का ये खास आकर्षण का केंद्र होता है। क्योंकि इस लेक के आसपास सभी शहर हाईटेक वाली श्रेणी में आते हैं। इन जगहों पर प्रकृति से जुड़ी ऐसी एक्टिविटी के बारे में सोचन भी कठिन होता है।
सिर्फ वॉक में भी आएगा मजा-
जी हां, दमदमा लेक के आसपास सिर्फ वॉक करना भी एक अनोखा अनुभव है। यहां प्रकृति को आधुनिकता के रंग में नहीं रंगा गया है, इसलिए यहां आने के बाद आपको आरावली की पहाड़ियों के बीच झीले के किनारे जब आप आने पार्टनर के साथ हाथ में हाथ डाले घूमेंगी न तो बिलकुल कमाल का अनुभव होगा। बच्चे भी यहां आकार प्रकृति को करीब से देख पाएंगे।
सोहना हॉट स्प्रिंग्स-
झील के बिलकुल पास स्थित सोहना हॉट स्प्रिंग्स यात्रियों का खास आकर्षण बनता है। ये एक धार्मिक जगह भी है क्योंकि माना जाता है कि अर्जुन ने अपनी प्यास बुझाने के लिए इस कुएं को खोदा और बनाया था। यहां के पानी में माना जाता है कि इलाज करने वाली खासियतें हैं। यही वजह है कि लोग यहां बीमारियों जैसे गाउट आदि का इलाज करने भी चले आते हैं। भक्त यहां सूर्य और चन्द्र ग्रहण पर भी खूब आते हैं।
शिव मंदिर-
दमदमा लेक आने वाले लोगों को यहां मौजूद शिव मंदिर भी जरूर देखना चाहिए। इस मंदिर को ग्वालियर के शासकों ने बनवाया था। शिवरात्रि पर यहां भक्तों की खूब भीड़ लगती है।