मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना के लिए विस्तृत अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिसमें सरकार श्रमिकों के खातों में हर महीने ₹3000 की राशि मासिक पेंशन के रूप में देगी। यह मिशन मुख्यमंत्री वृद्धावस्था सम्मान पेंशन योजना के अतिरिक्त होगा। मुख्यमंत्री पेंशन योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, विक्रेताओं और लोक कलाकारों को मिलेगा। इस योजना का संचालन राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जाएगा। यह योजना आदेश जारी होने की तिथि से लागू होगी। मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना के लिए पात्रता
मुख्यमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता की बात करें तो यह योजना केवल उन असंगठित श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडर्स और लोक कलाकारों के लिए खुली होगी जो राजस्थान के मूल निवासी हैं, जिनकी मासिक आय ₹15000 से अधिक नहीं है और जिनके नाम से बैंक बचत खाता है, जिसमें आधार नंबर और केंद्र सरकार के आई-श्रम पोर्टल से प्राप्त पंजीकरण संख्या है, आवेदक की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए और 45 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
योजना के तहत, यदि वह केंद्र सरकार द्वारा अंशकालिक राष्ट्रीय पेंशन योजना या कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के तहत कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना या कर्मचारी भविष्य निधि के तहत कर्मचारी भविष्य निधि योजना या किसी अन्य योजना में शामिल है या आयकर दाता है, तो वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता है।
मुख्यमंत्री विश्वकर्मा योजना लाभ
इस योजना के अंतर्गत 18 वर्ष से 45 वर्ष की आयु के बीच के व्यक्तियों को शामिल किया गया है, जिसमें 60 वर्ष की आयु तक अनुष्ठान करना होगा। योजना के अंतर्गत प्रत्येक अभिदाता को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के पश्चात ₹3000 का न्यूनतम मासिक वेतन सुनिश्चित किया जाएगा। योजना के अंतर्गत अभिदाताओं को पेंशन का भुगतान राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पेंशन निधि प्रबंधक अथवा राज्य पेंशन निधि द्वारा किया जाएगा।
यदि पेंशन प्राप्त करते समय किसी पेंशनर की मृत्यु हो जाती है, तो उसका लाभ अभिदाता को उसकी पत्नी/पति पारिवारिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा, लेकिन उसमें उसे 50% पेंशन के रूप में लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री विश्वकर्मा योजना पंजीकरण प्रक्रिया
मुख्यमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से भरना होगा। इस संबंध में निदेशक बीमा के स्तर पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। इस कार्य में राज्य सरकार के श्रम विभाग, स्थानीय निकाय विभाग, कला एवं संस्कृति विभाग तथा विभाग जी ने अपेक्षित सहयोग लिया है तथा उसके माध्यम से आवेदन प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात उसे लाभ दिया जाएगा।