हरियाणा के 20 युवाओं ने यूपीएससी परीक्षा पास की है। इनमें 8 लड़कियां और 12 लड़के शामिल हैं। टॉप-10 में 2 उम्मीदवारों ने जगह बनाई है। हिसार में जन्मी हर्षिता गोयल को ऑल इंडिया रैंक-2 मिली है, जबकि झज्जर के आदित्य विक्रम अग्रवाल ने 9वीं रैंक हासिल की है।
पानीपत की रहने वाली शिवानी पांचाल ने 53वीं रैंक हासिल की है। वह फिलहाल अंडर-ट्रेनी एचसीएस अधिकारी हैं। कैथल की बीडीपीओ समिता पूंजा कटकंडे ने भी यूपीएससी परीक्षा पास की है। इसके अलावा हलवाई के बेटे अजय ने भी सफलता हासिल की है।
इनमें से कुछ ने दूसरे प्रयास में तो कुछ ने छठे प्रयास में यह मुकाम हासिल किया है। कई उम्मीदवारों ने नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई करते हुए यूपीएससी परीक्षा पास की है।
हिसार, जींद, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़, पंचकूला, झज्जर और सोनीपत से 2-2 युवा, जबकि पानीपत, भिवानी, चरखी दादरी, कैथल, सिरसा और फरीदाबाद से 1-1 युवा सफल हुए हैं।
अब पढ़िए इन युवाओं की प्रेरक कहानियां…
हर्षिता गोयल (रैंक 2), हिसार में जन्मीं, गुजरात में पली-बढ़ीं
हर्षिता का जन्म हिसार में हुआ, लेकिन वे गुजरात के वडोदरा में पली-बढ़ीं। वे चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) हैं और उन्होंने एमएस यूनिवर्सिटी वडोदरा से बी.कॉम किया है। उन्होंने वैकल्पिक विषय के रूप में राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध को चुना और तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की।
शिवानी पांचाल (रैंक 53), पानीपत
यूपीएससी में 53वीं रैंक प्राप्त करने वाली शिवानी वर्तमान में झज्जर में 2024 बैच की अंडर ट्रेनी एचसीएस अधिकारी हैं।
आदित्य विक्रम अग्रवाल (रैंक 9), बहादुरगढ़, झज्जर
आदित्य ने यह सफलता पांचवें प्रयास में प्राप्त की। उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं। पिछले दो प्रयासों में साक्षात्कार में चयन न होने से मैं बहुत निराश था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। ध्यान ने मुझे आत्मविश्वास दिया।”
अभिलाष सुंदरम (रैंक 129),
बहादुरगढ़, झज्जर नेहरू पार्क निवासी अभिलाष ने अपने छठे प्रयास में 129वीं रैंक हासिल की। इससे पहले उन्होंने 421वीं रैंक हासिल की थी। उनके माता-पिता स्कूल संचालक हैं।
एकांश ढुल (रैंक 295), पंचकूला भाजपा नेता कृष्ण ढुल के बेटे एकांश ने इस बार 295वीं रैंक हासिल की। पिछले साल उनकी रैंक 342 थी। उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी और अनुशासन ही सफलता की कुंजी है।
तन्वी गुप्ता (रैंक 187), पंचकूला तन्वी ने अपने पांचवें प्रयास में सफलता हासिल की, पिछली बार वह सिर्फ एक अंक से चूक गई थीं।
आकाश गोयल (रैंक 117), जींद
आकाश जनता बाजार निवासी हैं और एक स्कूल में प्रिंसिपल हैं। उनका पैतृक गांव कैथल में किठाना है।
अजय (रैंक 940), हसनपुर, जींद
हलवाई का काम करने वाले अजय ने अपने चौथे प्रयास में सफलता हासिल की। वह फिर से प्रयास करेंगे।
स्वाति फोगट (रैंक 306), चरखी दादरी
गांव मौड़ी निवासी स्वाति फिलहाल वनस्थली, जयपुर से पीएचडी कर रही हैं। उनके पिता डीपीई से सेवानिवृत्त हैं। स्वाति ने पहले प्रयास में असफल होने के बाद हार नहीं मानी।
अंकिता श्योराण (रैंक 337), महेंद्रगढ़
विवाहित अंकिता ने बिना कोचिंग के दूसरे प्रयास में परीक्षा पास की। उनका जन्म चरखी दादरी के धनासरी गांव में हुआ था।
आदित्य यादव (रैंक 492), बेगपुर, महेंद्रगढ़
रिटायर्ड आर्मी पिता और स्कूल टीचर मां के बेटे आदित्य ने इससे पहले सीडीएस और एनडीए भी पास किया था।
अजय कोलिया (रैंक 895), ढाणी गोपाल, फतेहाबाद अजय, जो वर्तमान में ग्राम सचिव के पद पर कार्यरत हैं, ने अपनी छह महीने की नौकरी के दौरान यह सफलता प्राप्त की।
डॉ. श्रेयक गर्ग (रैंक 35), सोनीपत डीसीआरयूएसटी मुरथल के प्रोफेसर आर.के. गर्ग के बेटे श्रेयक ने एमबीबीएस के बाद अपने तीसरे प्रयास में यह उपलब्धि हासिल की।
समिता पूंजा कटकंडे (रैंक 687), बीडीपीओ गुहला, कैथल मूल रूप से नासिक की रहने वाली समिता ने हरियाणा सिविल सेवा उत्तीर्ण करने के बाद बीडीपीओ के पद पर काम करते हुए यूपीएससी परीक्षा भी उत्तीर्ण की।