कल्पना रावत की यह सफलता न केवल उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का प्रमाण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सही मार्गदर्शन और निरंतर प्रयास से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। पांचवें प्रयास में 76वीं रैंक हासिल करना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है।
यह भी प्रेरणादायक है कि शादी के बाद उन्होंने अपने पति एसडीएम सूर्य प्रताप सिंह के साथ रहकर तैयारी की और उनके मार्गदर्शन का लाभ उठाया। एक शिक्षक के रूप में उनका अनुभव, खासकर राजनीति शास्त्र जैसे विषय में, निश्चित रूप से उन्हें यूपीएससी जैसी परीक्षा में मददगार रहा होगा।
कल्पना रावत और विधांशु शेखर झा, दोनों की सफलता न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत भी है। दोनों की कहानियाँ यह साबित करती हैं कि कठिन परिश्रम, लगन और परिवार का सहयोग किसी भी मंजिल को संभव बना सकता है।
“संघर्ष से सफलता तक: कल्पना रावत और विधांशु झा की प्रेरक कहानी”
कल्पना रावत:
76वीं रैंक प्राप्त करने वाली कल्पना रावत की सफलता की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। राजनीति शास्त्र की शिक्षिका रहीं कल्पना ने पांचवें प्रयास में यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने न केवल परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि यह भी दिखाया कि वैवाहिक जीवन और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी को संतुलित कर सफलता पाई जा सकती है।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और पति एसडीएम सूर्य प्रताप सिंह को दिया, जिनके मार्गदर्शन और सहयोग ने उन्हें कठिन समय में भी प्रेरित रखा।
विधांशु शेखर झा:
भवानीपुर, सिंहवाड़ा प्रखंड के रहने वाले विधांशु शेखर झा ने ऑल इंडिया में 59वीं रैंक हासिल की। पहले ही 2022 में इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में चयनित होकर वे देहरादून में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे, लेकिन उनका लक्ष्य स्पष्ट था—UPSC CSE में शीर्ष रैंक प्राप्त करना। दृढ़ निश्चय और निरंतर प्रयास से उन्होंने यह लक्ष्य हासिल कर दिखाया।