हरियाणा में कई ऐसे गांव जो अपनी खासियत से फेमस है। लेकिन क्या आप जानते है कि हरियाणा में एक ऐसा गांव फेमस है जिसमे केवल अधिकारी ही है यहां पर ज्यादातर लोग ऊंचे पदों पर कार्यरत है।
चलिए आपको बताते है की आखिर कौनसा गांव है वो ?
दक्षिण हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में स्थित कांवी गांव ने देश और प्रदेश को 100 से अधिक प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारी दिए हैं। इस गांव की बेटियां और बहुएं आईएएस, मजिस्ट्रेट, कर्नल, डॉक्टर, इंजीनियर, प्राचार्य, पीएचडी, वैज्ञानिक, एडवोकेट, जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में देशभर में अपनी सेवाएं दे रही हैं
शिक्षा की अलख जगाने वाले मास्टर पन्ना लाल
गांव की सरपंच उर्मिला यादव बताती हैं कि मास्टर पन्ना लाल ने 1952 में यहां आकर शिक्षा की ज्योत जलाई। गांव में स्कूल नहीं था, लेकिन पंडित महादेव प्रसाद के नीम के पेड़ के नीचे बच्चों को पढ़ाने के बाद मास्टर पन्ना लाल ने तत्कालीन सरपंच राव सरदार सिंह के साथ मिलकर अनाज से चंदा एकत्रित कर गांव में स्कूल की नींव रखी। उन्होंने गांव में शिक्षा का ऐसा माहौल बनाया कि आज गांव 100 प्रतिशत साक्षर है और यहां के आईएएस, विधायक, प्राचार्य, कर्नल उन्हीं के पढ़ाए हुए हैं। मास्टर पन्ना लाल की याद में गांव में हर साल शिक्षक दिवस पर बड़ा आयोजन किया जाता है।
गांव की उपलब्धियाँ
गांव में 100 प्रतिशत साक्षरता है और यहां से कई प्रमुख पदाधिकारी बने हैं:
– आईएएस: 04
– न्यायाधीश: 03
– कर्नल: 05
– जिला शिक्षा अधिकारी: 02
– डीएसपी: 03
– बैंक अधिकारी: 06
– कृषि अधिकारी: 05
– आईआईटी: 03
– स्कूल प्राचार्य: 01
– कॉलेज प्राचार्य: 01
– लेक्चरर: 06
– एमबीबीएस: 20 (17 ऑन ट्रेनिंग)
– ईडी सुपरिंटेंडेंट: 01
– पीएचडी: 6
– वैज्ञानिक: 02
– अध्यापक: 250
गांव की कुल आबादी 5000 है और यहां 3000 मतदाता हैं। यह रिपोर्ट थोड़ी पुरानी है और पदाधिकारियों की संख्या में इजाफा हुआ है।
गांव के डीसी, रोहतक यशपाल यादव बताते हैं कि उनके चाचा अभय सिंह यादव पहले एचसीएस थे, जिनसे उन्हें प्रेरणा मिली। उनका मार्गदर्शन हमेशा बना रहा और इस कारण गांव की तरक्की हो रही है। यह गांव के लिए गर्व की बात है।
कांवी की बालू मिट्टी गांव की यह कहानी देश के अन्य गांवों के लिए प्रेरणादायक है और यह दिखाती है कि सही दिशा और मार्गदर्शन से किसी भी गांव को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा सकता है