हरियाणा में कई ऐसे मंदिर है जो बहुत फेमस है लेकिन क्या आप ऐसे मंदिर के बारे में जानते है जहां पत्थर पानी में तैरते हो। रामायण में भगवान राम द्वारा समुद्र पर सेतु निर्माण की कथा प्रसिद्ध है। इस कथा में बताया गया है कि भगवान राम की सेना ने ‘जय श्रीराम’ लिखे पत्थरों से पुल बनाया था।
और वो पत्थर पानी में डूब नही थे । हालांकि इन पत्थरों को लेकर एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है , पर क्या आप जानते हैं कि करनाल में श्री कर्णेश्वर महादेव मंदिर में भी ऐसे ही चमत्कारी पत्थर मौजूद हैं जो पानी में तैरते हैं?
श्री कर्णेश्वर महादेव मंदिर
यह मंदिर 1984 में निर्मित किया गया था श्री कर्णेश्वर महादेव मंदिर, 3 एकड़ में फैला हुआ है। यहाँ पंचमुखी शिवलिंग और भव्य द्वार दर्शनीय हैं । मंदिर में भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग की बहुत मान्यता है ।
इस मंदिर की खासियत ये है की यहाँ मौजूद चमत्कारी पत्थर तरते है । इन पत्थरों पर ‘श्रीराम’ लिखा हुआ है और ये पानी में डूबते नहीं हैं। जिससे लोगो की आस्था बढ़ती है और लोग दूर दूर से इसे देखने आते है ।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिकों का कहना है कि इन पत्थरों में छोटे-छोटे छेद होते हैं, जो स्पंज की तरह काम करते हैं। इन छिद्रों में हवा भरी रहती है, जिससे पत्थरों का घनत्व पानी से कम हो जाता है और वे तैरने लगते हैं।
हालांकि, वैज्ञानिक व्याख्या के बावजूद, इन पत्थरों को लेकर लोगों की आस्था गहरी है। कई लोग मानते हैं कि ये पत्थर वही हैं जिनका उपयोग भगवान राम ने राम सेतु बनाने के लिए किया था।
बिहार के भागलपुर में भी एक 8 साल के बच्चे को ‘श्रीराम’ लिखा हुआ पत्थर मिला था। वहां भी लोग इस पत्थर की पूजा करते थे।
श्री कर्णेश्वर महादेव मंदिर में तैरते पत्थर विज्ञान और आस्था का अद्भुत संगम हैं। वैज्ञानिक व्याख्या के बावजूद, इन पत्थरों को लेकर लोगों की श्रद्धा अटूट है।