हरियाणा का ये महल है अपनी खूबसूरती के लिए फेमस, कई फिल्मो की हो चुकी है शूटिंग , इतिहास भी है जबरजस्त

ऐतहासिक महल से मशहूर हरियाणा के अंतर्गत आने वाले बल्लभगढ़ का शहीद राजा नाहर सिंह महल न सिर्फ अपने अनोखें लुक के लिए मशहूर हैं बल्कि अपने अब तो लोगों ने अपने यादगार लम्हों को सदा के लिए यादगार बनाने के लिए यहां शादी व् पार्टी जैसे फंक्शन करना पसंद करने है।

 

इतना ही नहीं फिल्मों की शूटिंग के लिए भी अब इस महल को आकर्षक का केंद्र बनाया जा रहा हैं। बता दें कि ऐतिहासिक दृष्टि से खास महत्व रखने वाले फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ उप मंडल में स्थित है अपने राजसी स्वरूप के कारण यह देश-विदेश के टूरिस्ट्स, फिल्म मेकर्स को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसकी देख-रेख हरियाणा पर्यटन निगम कर रहा है। तो चलिए जाने क्यों हैं यह इसका खास और क्यों इसे ऎतिहासिक नगर भी खा जाता हैं।

दरअसल, ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार, बल्लभगढ़ रियासत की स्थापना 1753 में राजा बल्लू उर्फ बलराम ने की थी। उन्होंने ही महल का निर्माण कराया था। महल में 1858 तक शाही परिवार रहा। 1857 की क्रांति में राजा नाहर सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

इसमें उनका साथ दिया था अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर ने। राजा नाहर सिंह की बहादुरी को देखते हुए बहादुरशाह जफर ने उन्हें अपना आंतरिक प्रशासक नियुक्त किया। कहते हैं राजा नाहर सिंह की वीरता से अंग्रेजों की सेना कांपती थी। अंग्रेजों ने सोचा कि जब तक राजा नाहर सिंह को नहीं दबोचा जाएगा, तब तक बहादुरशाह जफर का तख्ता पलटना मुश्किल है।

 

 

आखिरकार राजा नाहर सिंह अंग्रेजों के चुंगल में फंस गए। वे अंग्रेजों के ऊपर विश्र्वास करके उनके साथ दिल्ली चले गए। पर वे जैसे ही लाल किले के अंदर घुसे, उन्हें अंग्रेजों ने बंदी बना लिया। 9 जनवरी, 1858 को उन्हें दिल्ली के चांदनी चौक के लाल कुआं पर सरेआम फांसी पर लटका दिया। तब ही सरकार ने राजा नाहर सिंह के महलों और ऐतिहासिक स्थलों को अपने कब्जे में ले लिया था।

 

राजा नाहर सिंह महल में आजादी के बाद तहसील बना दी गई। यहां पर तहसीलदार और नायब तहसीलदार बैठते थे। प्रशासन महल की देख-रेख नहीं कर पाया, जिससे इसकी हालत जर्जर हो गई। महल के जीर्णोद्धार के लिए 1994 में उपायुक्त की अध्यक्षता में बल्लभगढ़ सौंदर्यीकरण समिति का गठन किया गया। समिति ने लोगों से धन एकत्रित करके महल का जीर्णोद्धार किया। 2003 में सरकार ने महल की देख-रेख के लिए हरियाणा पर्यटन निगम को सौंप दिया।

उसके बाद राजा नाहर सिंह महल हेरिटेज होटल को खोल दिया गया। पर्यटन निगम ही इसकी देख-रेख करता है।महल अब फिल्म, टीवी धारावाहिक और विज्ञापनों की शूटिंग और शादियों के लिए पसंदीदा स्थान है। अब तक यहां पर ‘पांच घंटे में पांच करोड़’, ‘साहब बीवी औरगैंगेस्टर-2’, ‘फगली’ आदि फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।

 

यहां पर टीवी धारावाहिकों ‘विजय जासूस’, ‘बुल्लेशाह’, ‘शेरशाह सूरी’ आदि की शूटिंग के अलावा प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में चुनाव प्रचार के लिए कव्वालियों की शूटिंग की जा चुकी है। विज्ञापनों में ज्वैलरी, शूटिंग-सर्टिंग और ट्रेवल्स एजेंसीज यहां शूटिंग करती रहती हैं। दिल्ली के नजदीक होने और महल का राजसी लुक होने के चलते यह सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है।

 

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नई दिल्ली यहां का सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है। तो वही संत नगर, यहां का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। इसके अलावा एनआईटी फरीदाबाद बस स्टैंड पहुंचकर कैब या टैक्सी बुक कर यहां तक पहुंच सकते हैं।

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