ये है हरियाणा के 5 रहस्यमयी मंदिर, जानिए क्या है इनकी मान्यता और क्या है राज ?

हरियाणा न केवल अपनी समृद्ध संस्कृति और इतिहास के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां अनेक प्राचीन और रहस्यमयी मंदिर भी हैं। इन मंदिरों की मान्यता दूर-दूर तक फैली हुई है और इनसे जुड़ी अनेक कथाएं और किंवदंतियां प्रचलित हैं।

 

पानीपत का शीतला माता मंदिर

पानीपत से 40 किलोमीटर दूर गांव पाथरी में स्थित शीतला माता मंदिर, एक प्राचीन मंदिर है जिसकी मान्यता महाभारत काल से जुड़ी है। माना जाता है कि पांडवों ने यहां माता शीतला की पूजा की थी। नवरात्रों में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

 

अंबाला का झावरियां मंदिर

यह मंदिर अंबाला शहर में स्थित है और माता काली को समर्पित है। यह मंदिर मुगल काल से पहले पाकिस्तान में स्थित था, लेकिन देश विभाजन के बाद इसे भारत लाया गया। माना जाता है कि यहां देवी की प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई थी।

 

कुरुक्षेत्र का देवीकूप भद्रकाली मंदिर

यह मंदिर कुरुक्षेत्र में स्थित है और 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यहां माता सती का दाहिना घुटना गिरा था। शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण और बलराम का मुंडन संस्कार भी इसी मंदिर में हुआ था।

 

कैथल का मन कामेश्वर मंदिर

यह मंदिर कैथल जिले में स्थित है और भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। माना जाता है कि महाभारत काल में राजा युधिष्ठिर ने यहां मन कामेश्वर मंदिर और सूरजकुंड की स्थापना की थी।

 

जींद का जयंती देवी मंदिर

यह मंदिर जींद जिले में स्थित है और माता जयंती देवी को समर्पित है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय देव सेनापति जन्नत ने यहां पूजा की थी और पांडवों ने भी विजय के लिए यहां मां की आराधना की थी।

 

हरियाणा के ये 5 मंदिर न केवल धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि इनसे जुड़ी अनेक रहस्यमयी कहानियां और किंवदंतियां भी इन्हें और भी आकर्षक बनाती हैं। यदि आप धार्मिक स्थलों और इतिहास में रुचि रखते हैं, तो इन मंदिरों की यात्रा अवश्य करें।

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