Haryana famous Temple : हरियाणा अपनी संस्कृति विरासत खान-पान खेलकूद के लिए जितना जाना जाता है उतना ही अपने धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है हरियाणा में कई ऐसे मंदिर है जो धार्मिक और पर्यटन दोनों ही दृष्टियों से अहम भूमिका निभाते हैं। आज हम इस लेख में आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जो आठवीं शताब्दी में बनाया गया था।
इस लेख में आप हरियाणा के उन चार मंदिरों के बारे में जान पाएंगे जो बहुत मशहूर है और जिनका ऐतिहासिक महत्व भी बहुत है चले जानते हैं कि वह मंदिर कौन से हैं। हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ एक ऐसा शहर है जो प्राचीन काल में कई मंदिरों के धरोहर को समेटे हुए हैं।
जिसमें प्राचीन काल के कई मंदिर मौजूद है पंजाब से अलग होकर साल 1966 में हरियाणा को बनाया गया था । इन मंदिरों में भीमा देवी मंदिर अग्रोहा धाम भद्रकाली मंदिर आदि शामिल है इसके अलावा जो सबसे खास मंदिर है जिसके नाम पर चंडीगढ़ का नाम पड़ा था।
भीमा देवी मंदिर ( Bheema Devi Mandir)
हरियाणा का भीमा देवी मंदिर काफी पुराना मंदिर है इस मंदिर की स्थापना गुर्जर प्रतिहारस के शासनकाल में हुई थी मंदिर के सामने ही पिंजौर गार्डन है जो मुगल गार्डन के नाम से भी प्रसिद्ध है इस गार्डन की स्थापना औरंगजेब के सौतेले भाई ने की थी कहा जाता है कि औरंगजेब के सौतेले भाई ने इस गार्डन को हिंदू मंदिरों को तोड़ने से बचने के लिए बनवाया था वही इतिहास बताता है कि 13वीं और 17वीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रमणकारियों ने कई हिंदू मंदिरों को तुड़वा दिया था।
कब हुआ भीमा देवी मंदिर का निर्माण
भीमा देवी मंदिर की स्थापना आठवीं से लेकर 11वीं शताब्दी के बीच में बताई जा रही है इस मंदिर के सामने पिंजोरी गार्डन की स्थापना इस मंदिर से कई सौ साल बाद हुई थी पिंजोरी गार्डन को औरंगजेब के सौतेले भाई ने बनवाया था । जिसे आज मुगल गार्डन के नाम से जाना जाता है गार्डन की स्थापना 17वीं शताब्दी में की गई थी।
अग्रोहा धाम (Agroha Dham)
अग्रोहा धाम का अपना ही धार्मिक महत्व है यह धाम 8 साल में बनकर तैयार हुआ था साल 1976 में इस धाम का निर्माण कार्य शुरू हुआ और 1984 में पूरा हुआ इस धाम के प्रवेश द्वार के बाहर दोनों साइड हाथियों की मूर्तियां बनी हुई है।
इस धाम में कई धार्मिक त्योहारों को मनाया जाता है धाम में आने वालों को एक खास तरह के अध्यात्म की अनुभूति होती है
भद्रकाली मंदिर (Bhadrkali mandir)
कुरुक्षेत्र में स्थित भद्रकाली मंदिर भी अपनी धार्मिक महत्व को दर्शाता है यह मंदिर धार्मिक होने के साथ-साथ अपना ऐतिहासिक महत्व भी बताता है। यह मंदिर हरियाणा का एकमात्र शक्तिपीठ मंदिर है जहां भद्राकाली शक्ति के रूप में विराजमान है वैसे तो हरियाणा के कुरुक्षेत्र में मां के वामन शक्तिपीठ है लेकिन उनमें से एकमात्र सिद्ध शक्तिपीठ भद्रकाली ही है इसे देवीकूप शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है
कहते हैं कि भद्रकाली मंदिर का धार्मिक महत्व सती से जुड़ा हुआ है सती के आत्मदाह के बाद जब भगवान शिव सती की देह को लेकर ब्रह्मांड में घूमने लगे तो भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से देवी सती के शरीर के वामन हिस्से कर दिए थे ।मां सती के शरीर के हिस्से जहां-जहां गिरे वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए भद्रकाली शक्तिपीठ में देवी सती का दाएं टखना गिरा था। वही भद्रकाली शक्तिपीठ में देवी सती के साथ-साथ इस मंदिर की भगवान कृष्ण से भी धार्मिक मान्यता जुड़ी हुई है।
चंडी मंदिर (chandi mandir)
चंडी मंदिर हरियाणा का सबसे पुराना मंदिर है। यह मंदिर 5100 साल पुराना मंदिर है मंदिर चंडीगढ़ कालका शिमला हाईवे पर स्थित है मां चंडी को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है इस मंदिर के नाम पर चंडीगढ़ शहर का नाम पड़ा था इस मंदिर के बारे में प्रसिद्ध है कि यहां पर आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है।