Chanakya Niti: जीवन में कोई भी लक्ष्य हासिल करना कठिन नहीं होता, लेकिन इसके लिए प्रयास, धैर्य और परिवार का समर्थन महत्वपूर्ण होते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार, एक अच्छे परिवार का मुखिया वही होता है जो सही फैसले लेने में सक्षम हो, कान का कच्चा न हो, भेदभाव न करे, बचत करे और अनुशासन बनाए रखे। आइए, इन गुणों को विस्तार से समझते हैं:
मुखिया का सबसे महत्वपूर्ण गुण है सही और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता। परिवार की भलाई के लिए फैसले लेते समय यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि किसी भी सदस्य को उस निर्णय से नुकसान न पहुंचे। निर्णय का प्रभाव सभी पर सकारात्मक होना चाहिए और यह सभी को खुश रखने की दिशा में होना चाहिए।
चाणक्य नीति के अनुसार, मुखिया को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और हर किसी की बात पर विश्वास नहीं करना चाहिए। उसे अपनी आँखों देखी बातों पर भरोसा करना चाहिए और स्थिति को समझते हुए सभी रिश्तों में मजबूती लानी चाहिए। किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों की बात सुनना और निष्पक्ष निर्णय लेना आवश्यक है।
मुखिया का कर्तव्य है कि वह सभी सदस्यों के प्रति समान व्यवहार रखे। किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। सभी के लिए समान नियम और कानून बनाने चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी उनका पालन करें। इससे परिवार में एकता और सद्भाव बना रहता है।
मुखिया को परिवार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए खर्च करना चाहिए। फिजूलखर्ची को रोकना और बचत करना उसकी जिम्मेदारी है। आर्थिक स्थिरता के लिए यह जरूरी है कि कमाई के अनुसार खर्च किया जाए और बुरे वक्त के लिए कुछ पैसे बचाकर रखे जाएं।
अनुशासन किसी भी काम की सफलता की कुंजी है। मुखिया को परिवार में अनुशासन और प्रतिबद्धता की अहमियत समझानी चाहिए। इससे परिवार के सदस्य तरक्की करेंगे और अपने निर्णयों पर अडिग रहना सीखेंगे।