Haryana News: कहते है घर तो घर होता है चाहे वो कैसा भी हो, बस सर के ऊपर एक छत होना ही काफी है| मगर हरियाणा के अंतर्गत आने वाले अंबाला में लोग अपना रिहायशी मकान छोड़ एक नया ठिकाने ढूढ़ने पर मजबूर हो गए हैं | कुछ लोग अपने अपने मकानों की छतों पर सामान चढ़ा रहे हैं तो कुछ जरुरी सामान बांध कर अपने रिश्तेदारों के यहां जाने का मन बना चुके हैं| जब उक्त लोगों से ऐसा करने के पीछे का कारन पूछा तो उन्होंने बताया कि रोजाना उनके क्षेत्र में एक ही बात चल रही हैं जिससे वहां रहने वाले सभी निवासियों के अंदर दहशत का माहौल बना हुआ है| दरअसल, लोगों का कहना है कि टांगरी नदी में पानी आने वाला है और इससे फिर बाढ़ के हालात बनेंगे।
यह बात सुन लोग न ठीक से सो पा रहे हैं और न ही उनके गले के नीचे खाने का एक निवाला तक उतर रहा है| इतना ही नहीं लोग रात रात भर जाग कर पहरा दे रहे हैं, दिन में काम पर भी नहीं जा रहे| ऐसे में लोग मानसिक और शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने तो पानी को रोकने के लिए अपने स्तर पर ईंट, बजरी और रेत के कट्टे भर लिए हैं, जिससे कि जलस्तर बढ़ने पर इन्हें घर के मुख्य दरवाजे पर लगाया जा सके और इसे रोका जा सके। हालांकि लोगों को यह भी पता है कि यह एक नाकाम कोशिश है।
जानकारी के लिए बता दें कि टांगरी बांध के एक तरफ तट को ऊंचा करने के लिए मिट्टी का बांध बनाया जा रहा है जोकि प्रभु प्रेमपुरम की तरफ है। वहीं, दूसरे तटबंध पर जहां श्रमिक और दिहाड़ीदार लोग कच्चे मकानों में गुजर-बसर कर रहे हैं, वहां अभी तट बंध तैयार करने के लिए कोई भी कार्रवाई नहीं की। मौके के हालात देखकर ऐसा लगता है कि इन गरीब लोगों के जानमाल की परवाह किसी को नहीं है।
लोगों का कहना हैं कि पिछले वर्ष जो बाढ़ आई थी, उसका स्तर आठ फुट ऊंंचा था। इतने पानी में हजारों रुपये का सामान खराब हो गया, लेकिन सरकार व प्रशासन से आजतक कोई मदद नहीं मिली। रत्न ने कहा कि बाढ़ के दौरान दूसरों के सहारे दिन-रात काटे। सोफा, पलंग, वाशिंग मशीन सहित अन्य सामान खराब हो गया जोकि आजतक खरीद नहीं पाए हैं। फैक्ट्री में काम करते हैं तो घर का गुजारा हो जाता है।