आरटीई के तहत गरीब बच्चों को दाखिला न देने पर हरियाणा के निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, शिक्षा के अधिकार के तहत प्रदेश के 3,124 निजी स्कूलों ने गरीब बच्चों के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू नहीं की है। इसके आवेदन की अंतिम तिथि 21 अप्रैल तक ही थी। इस पर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने नाराजगी जताई है। उन्होंने विभाग को ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
आरटीई के तहत दाखिले की तिथि बढ़ाई गई
इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत दाखिले के लिए आवेदन की तिथि 4 दिन बढ़ा दी है। आपको बता दें कि यह तिथि पहले भी बढ़ाई जा चुकी है। अब बच्चे 25 अप्रैल तक दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे पहले विभाग ने दाखिले की तिथि दो बार बढ़ाई है। पहले 14 अप्रैल आखिरी थी, फिर विभाग ने इसे बढ़ाकर 21 अप्रैल कर दिया था।
निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित
हरियाणा में कुल 10,701 निजी स्कूल हैं, जिनमें से 3,134 स्कूलों ने विभाग को सीटों का ब्योरा नहीं दिया। सभी निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए 25% सीटें आरक्षित की गई हैं, जिसके तहत 6 से 14 साल तक के बच्चे एडमिशन ले सकते हैं। हालांकि, कई स्कूलों ने मुफ्त एडमिशन की प्रक्रिया शुरू नहीं की। साथ ही मंत्री महिपाल ढांडा ने उन स्कूलों की मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए हैं, जिन्होंने आरटीई के तहत बच्चों को दाखिला नहीं दिया। आपको बता दें कि इनमें से अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 8%, पिछड़ा वर्ग-ए के लिए 4% और पिछड़ा वर्ग-बी के लिए 2.5% सीटें आरक्षित होना जरूरी है।