आजकल ट्रेन से यात्रा करना हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। छुट्टी मनाने जाना हो या किसी काम से यात्रा करनी हो, ट्रेन एक सस्ता और भरोसेमंद साधन है। हालांकि, कई बार छोटे-छोटे नियमों को न समझ पाने की वजह से हमें परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर बच्चों की टिकट को लेकर रेलवे ने 2025 में एक नया नियम लागू किया है। अगर आप इस नियम को ठीक से नहीं समझ पाए तो यात्रा के दौरान परेशानी हो सकती है। आइए इस नए नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।
रेलवे टिकट नियम 2025: बच्चों की टिकट को लेकर क्या है नया नियम?
रेलवे ने 2025 में बच्चों की टिकट को लेकर बड़ा बदलाव किया है। अब 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टिकट लेना जरूरी नहीं है, लेकिन अगर आप बच्चे के लिए अलग सीट चाहते हैं तो आपको पूरा टिकट लेना होगा। यह नियम खासकर उन लोगों के लिए है जो बच्चों के साथ यात्रा कर रहे हैं।
नियम को समझें:
अगर बच्चा 5 साल से कम उम्र का है और आप उसे गोद में बैठाकर यात्रा करा रहे हैं, तो टिकट की जरूरत नहीं है।
लेकिन अगर आप बच्चे के लिए अलग सीट चाहते हैं, तो आपको पूरा टिकट लेना होगा।
5 साल से ऊपर और 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए आधा किराया देना होगा, यह तभी मान्य है, जब बच्चे के लिए बर्थ या सीट नहीं ली गई हो।
यह नियम अब बिल्कुल स्पष्ट है, ताकि यात्री टिकट लेने के दौरान किसी भी तरह की परेशानी से बच सकें। कई बार देखा गया है कि लोग बच्चों के लिए सीट नहीं लेते हैं, लेकिन बाद में सीट के लिए मारामारी मच जाती है। इस नए नियम ने उस समस्या का भी समाधान कर दिया है।
इससे यात्रियों को क्या फायदा होगा?
अगर आप बच्चे के लिए अलग सीट चाहते हैं, तो पहले से बुकिंग कराकर इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
इस नियम के लागू होने से टीटीई से किसी भी तरह का विवाद नहीं होगा, क्योंकि आपको नियम पहले से ही पता होगा।
जिनके साथ छोटे बच्चे हैं, वे शांति से यात्रा कर सकेंगे और सीट की समस्या से बच सकेंगे।
वास्तविक जीवन का उदाहरण – एक माँ की कहानी
मेरी परिचित पूजा जी अपने 4 साल के बेटे के साथ दिल्ली से लखनऊ तक ट्रेन से यात्रा कर रही थीं। उन्होंने अपने बेटे के लिए टिकट बुक नहीं कराया था क्योंकि उनका मानना था कि बच्चा छोटा है और उनकी गोद में रहेगा। लेकिन जब ट्रेन में भीड़ बढ़ गई तो पूजा जी चाहती थीं कि बच्चे को सीट मिले, लेकिन टीटीई ने मना कर दिया क्योंकि बच्चे का नाम बुकिंग में नहीं था। अगर पूजा जी को इस नियम के बारे में पहले पता होता तो वे बच्चे की सीट के साथ टिकट लेतीं और आराम से यात्रा कर पातीं।
किन यात्रियों को खास ध्यान देना चाहिए?
जिनके घर में छोटे बच्चे हैं और उन्हें लंबी दूरी की यात्रा करनी है, उन्हें इस नियम को ध्यान से समझना चाहिए।
गर्मी की छुट्टियों में यात्रा करने की योजना बना रहे परिवारों को भी यह बात पता होनी चाहिए।
स्कूल ट्रिप या ग्रुप ट्रिप में शामिल होने वाले यात्रियों को भी इस नियम की जानकारी होनी चाहिए।
रेलवे के नए नियम के पीछे क्या कारण है?
रेलवे का मानना है कि हर सीट की कीमत होती है और अगर कोई बच्चा सीट ले रहा है तो उसका भी किराया लिया जाना चाहिए। इसके लाभ इस प्रकार हैं:
टिकटिंग सिस्टम में पारदर्शिता आती है।
मुफ्त में सीट लेने की प्रवृत्ति कम होती है।
यात्रियों को उनकी बुकिंग के अनुसार सीट मिलती है।