अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगाने के लिए पंजाब एवं हाईकोर्ट पहुंची नाबलिग के केस के दौरान एक अजीवोगरीब मामला सामने आया। जहां सुरक्षा के लिए नाबालिग ने जिन रिश्तेदारों के साथ रहने के लिए जज से गुहार लगाई है, उनमे से एक महिला मृत हैं। दरअसल, नाबालिग की सुरक्षा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पुलिस रिपोर्ट में मृत बताई गई महिला ने अदालत में खड़ी होकर कहा कि मैं जिंदा हूं।
महिला ने अपनी बात के समर्थन में दस्तावेज भी पेश किए। हाईकोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए मेवात के एसपी को रिपोर्ट तैयार करने वाले अधिकारी के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया है। वहीं, चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल करने के लिए भी कहा है।
गौरतलब, नाबालिग लड़की ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि उसके घरवाले उसका निकाह उसकी मर्जी के खिलाफ करवाना चाहते हैं। उसने इसका विरोध किया तो उसके घरवालों ने पीटा।
यहां तक कि घर से बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी गई। इसी के चलते पढ़ाई भी रुक गई। याची घर से भागी और अपने रिश्तेदार अनीष व उसकी पत्नी अरस्तून के साथ रहने लगी। याची ने बताया कि अभी भी उसकी जान को खतरा है। नाबालिग को हाईकोर्ट ने नारी निकेतन भेज दिया था।
अब दोबारा मामला सुनवाई के लिए पहुंचा तो याची ने बताया कि अब वह बालिग हो चुकी है। वह अपने परिजनों के साथ नहीं बल्कि करीबी रिश्तेदार अनीष व उसकी पत्नी अरस्तून के साथ ही रहना चाहती है। हाईकोर्ट ने जब केस की फाइल देखी तो पाया कि रिपोर्ट लिखने वाले एएसआई नरिंदर सिंह ने लिखा था कि अनीष की पत्नी की मौत दो साल पहले बच्चे को जन्म देते हुए हो गई थी।
हाईकोर्ट में मौजूद अरस्तून ने खड़ी होकर कहा कि वह जिंदा है और इसके समर्थन में अपने दस्तावेज भी पेश किए। अब हाईकोर्ट ने मेवात के एसपी को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि जांच की जाए कि किन कारणों व परिस्थितियों में यह रिपोर्ट तैयार की गई है।