Plastic Bottles: अक्सर हम देखते है की एक पानी की बोतल को कई लोग बार बार इस्तेमाल कर लेते है , कई बार यह भी देखा जाता है की बोतल को बिना धोए और बिना खंगाले ही महीनों गुजर जाते है ….अगर आप भी बोतल को बिना धोए बार बार इस्तेमाल करते है तो सावधान हो जाएं , यह खबर आप के लिए महत्वपूर्ण है .. आइए जानते है .. ।
रिचर्च के मुताबिक रीयूजेबल पानी की बोतल में लाखों जानलेवा बैक्टीरिया हो सकते हैं। अमेरिका की एक संस्था वाटर फिल्टर गुरु ने यह रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक, रीयूजेबल पानी की बोतल में टॉयलेट सीट से भी 40000 गुना ज्यादा बैक्टीरिया हो सकते हैं। जी हां आप सही सुन रहे हैं टॉयलेट सीट से 40000 गुना ज्यादा बैक्टीरिया।
ये बैक्टीरिया इतने खतरनाक हैं कि आपके अंदर ऐसी क्षमता पैदा कर देंगे कि शरीर पर एंटीबायोटिक दवाओं का कोई असर ही नहीं होगा।
अक्सर बोतल को घरेलू तरीके से धोया भी जाता है परंतु बहुत कीटाणु इसमें रह जाते हैं। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के मानव विज्ञानी डॉक्टर एंड्रयू एडवर्ड्स ने बताया कि इन बोतलों की वजह से इंसानों का मुंह कीटाणुओं का आलीशान घर बन चुका है। पानी की बोतल कीटाणुओं के लिए प्रजनन स्थल के रूप में काम करते हैं और वहां वह बहुत तेजी से पनपते हैं।
पहले भी आई रिसर्च ने चेताया था
पहले भी एक रिसर्च सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि आप जिस बोतल का प्रयोग करते हैं उसमें प्रत्येक सेंटीमीटर एरिया में करीब 9 लाख कीटाणु होते हैं। यह एक टॉयलेट सीट से कहीं अधिक है। ट्रेडमिल रीव्यूज नामक संस्था ने एक सप्ताह तक उन बोतलों का अध्ययन किया जिसका प्रयोग एथलीट करते थे तब उन्होंने पाया कि पानी की बोतलों के एक सेंटीमीटर के एरिया में करीब 90,0000 कीटाणुओं की कॉलोनी बनी हुई थी।
बचने के लिए क्या करें
विशेषज्ञों के अनुसार इससे बचने के लिए बोतल को काम से काम सर्फ या साबुन के पानी से धोना चाहिए … अगर आप बोतल की मुहँ लगाकर आपनी पीते है तो तो आपको बोतल धोनी ही चाहिए क्योंकि इससे बैक्टीरिया ज्यादा तेजी से पनपते है । इसके साथ ही इससे बचने का एक आसान सा तरीका ये भी है कि आप प्लास्टिक की बोतल की जगह कांच के बोतल का इस्तेमाल करें।