नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स का असर अब एनसीआर के विकास में साफ दिखने लगा है। फरीदाबाद, जो पहले विकास की दौड़ में थोड़ा पीछे था, अब एक “री-इमर्जिंग डेस्टिनेशन” के रूप में उभर रहा है। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं:
स्ट्रैटेजिक लोकेशन:
जेवर एयरपोर्ट से नज़दीकी और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी फरीदाबाद को NCR का नया लॉजिस्टिक्स हब बना सकती है।
रियल एस्टेट बूम:
बिल्डर्स और निवेशक अब फरीदाबाद की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। कम कीमत में ज़्यादा जगह और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर इसकी यूएसपी बन रही है।
स्टार्टअप्स और MSMEs को बढ़ावा:
बेहतर कनेक्टिविटी और अफॉर्डेबल ऑफिस स्पेस के चलते छोटे और मिड साइज बिजनेस फरीदाबाद की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग:
एक्सप्रेसवे और एयरपोर्ट की वजह से सप्लाई चेन सेक्टर को बड़ा फायदा मिलेगा।
मोहित गोयल की बात फरीदाबाद की बदलती तस्वीर को बहुत सटीक तरीके से बयां करती है। फरीदाबाद अब सिर्फ एक औद्योगिक शहर नहीं रह गया, बल्कि यह नई-उभरती इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में तेजी से पहचान बना रहा है। चलिए, इन तीन मुख्य बिंदुओं पर
थोड़ा विस्तार से बात करें:
कम प्रॉपर्टी रेट्स – High Value at Low Entry
फरीदाबाद में अभी भी प्रॉपर्टी रेट्स नोएडा, गुरुग्राम या दिल्ली के मुकाबले काफी अफॉर्डेबल हैं।यही वजह है कि इंवेस्टर्स और एंड-यूज़र्स दोनों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प बन गया है। खासतौर पर सेक्टर 75 से 89 तक के एरिया में तेजी से डेवेलपमेंट हो रहा है, जिसमें सेक्टर 79 हॉटस्पॉट बनकर उभरा है।
इंडस्ट्रियल बेस – मजबूत आर्थिक नींव
फरीदाबाद पहले से ही MSME और मैन्युफैक्चरिंग हब रहा है। नए इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स इस इंडस्ट्रियल बेस को और मज़बूत कर रहे हैं। कंपनियां, अब इसे एक लॉजिस्टिक्स और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर के रूप में भी देख रही हैं।
बेहतर कनेक्टिविटी – शहर का रुख बदलने वाली कड़ी
जेवर लिंक एक्सप्रेसवे फरीदाबाद को सीधे एयरपोर्ट से जोड़ेगा।दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ने से न सिर्फ दिल्ली बल्कि वेस्टर्न इंडिया से भी कनेक्टिविटी बेहतर होगी।प्रस्तावित मेट्रो एक्सटेंशन और बायपास रोड्स भी इस ट्रांजिशन को तेज़ कर रहे हैं।
ट्रेंडिंग जोन: सेक्टर 79
सेक्टर 79 अब रेज़िडेंशियल और कमर्शियल दोनों डेवेलपमेंट्स का सेंटर बनता जा रहा है। कई बड़े डेवलपर्स (जैसे ओमैक्स, बीपीटीपी, आरपीएस) यहां प्रोजेक्ट्स लॉन्च कर रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं।