बिना कोचिंग के यूपीएससी सिविल सेवा जैसी कठिन परीक्षा पास करने वाली आईपीएस श्रुति अग्रवाल की कहानी बेहद दिलचस्प है। श्रुति अग्रवाल को बहुमुखी प्रतिभा की धनी कहना गलत नहीं होगा। हालांकि, यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए श्रुति को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। ऐसे में आइए आईपीएस श्रुति अग्रवाल की सफलता के पीछे के संघर्ष पर एक नजर डालते हैं।
कौन हैं आईपीएस श्रुति अग्रवाल?
आईपीएस श्रुति अग्रवाल मूल रूप से झारखंड के गिरिडीह जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने देवघर के सेंट फ्रांसिस स्कूल से पढ़ाई की है। श्रुति शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी रही हैं। 10वीं की पढ़ाई के बाद वह अपने परिवार के साथ 12वीं की पढ़ाई करने बोकारो चली गईं। साल 2015 में उन्होंने यहीं रहकर इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की।
दिल्ली में की पढ़ाई
स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद श्रुति दिल्ली चली गईं। यहां श्रुति ने देश के नंबर वन कॉलेज मिरांडा हाउस से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। आपको बता दें कि पढ़ाई के साथ-साथ श्रुति डांस और एक्टिंग स्किल्स में भी आगे थीं। श्रुति अक्सर कॉलेज में सांस्कृतिक गतिविधियों का हिस्सा बनती थीं।
यूपीएससी की तैयारी
श्रुति ने ग्रेजुएशन के साथ ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। यूपीएससी में वह पहले दो प्रयासों में असफल रहीं। असफलताओं के बाद भी उन्होंने तैयारी बंद नहीं की। इसके लिए उन्होंने अपनी तैयारी को बेहतर बनाना शुरू किया।
बिना कोचिंग के मेन्स की तैयारी
श्रुति अग्रवाल बताती हैं कि उन्होंने सिर्फ जीएस के लिए कोचिंग ली। मेन्स और ऑप्शनल के लिए उन्होंने सेल्फ स्टडी का सहारा लिया। दो बार असफल होने के बाद तीसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिली और आईपीएस के लिए उनका चयन हुआ।
श्रुति ने यूपीएससी सिविल सेवा में 506वीं रैंक हासिल की। श्रुति बताती हैं कि उन्हें एक्टिंग और डांसिंग का शौक है। वह स्टेज परफॉर्मेंस भी दे चुकी हैं। आईएएस ट्रेनिंग सेंटर एलबीएसएनएए में ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने ड्रामा और डांस में भी हिस्सा लिया।