हरियाणा के इस गांव में सैकड़ों की संख्या में रहते है हिरण, सेवा करते है गांव के लोग, जीव प्रेम के लिए है फेमस

जीव प्रेम हर किसी में नही पाया जाता पर जो लोग जीवों से प्रेम करते है. उनकी सुरक्षा , खान , पान सबका ध्यान रखता है हरियाणा में एक ऐसा गांव है जिसमे सैंकड़ों हिरण रहते है ये गांव हरियाणा के फतेहाबाद जिले में मौजूद है आज कल ये बड़ोपल गांव किसी वन अभयारण्य से कम नहीं लगता।

200 एकड़ की विशाल खाली भूमि पर सैकड़ों की संख्या में हिरणों का झुंड खुलेआम घूमता हुआ नजर आता है। यह सब कुछ बिश्नोई समाज के अथक प्रयासों का ही परिणाम है, जिन्होंने इन हिरणों को बचाने और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए अद्भुत काम किया है।

 


बीते कुछ सालों पहले, शिकारियों, आवारा कुत्तों और खेतों की सुरक्षा के लिए लगाए गए कांटेदार तारों से इन हिरणों को भारी खतरा पैदा हो गया था। इनकी संख्या में लगातार कमी आ रही थी।

 

लेकिन बिश्नोई समाज के लोगों ने हार नहीं मानी। उन्होंने इन हिरणों को बचाने का वचन लिया और योजनाबद्ध तरीके से काम करना शुरू कर दिया। अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के प्रदेशाध्यक्ष, विनोद कड़वासरा के नेतृत्व में समाज के लोगों ने मिलकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

सबसे पहले, उन्होंने आवारा कुत्तों और शिकारियों को हिरणों से दूर रखने के लिए पुख्ता इंतज़ाम किए। इसके बाद, उन्होंने किसानों को समझाया कि कांटेदार तार हिरणों के लिए जानलेवा होते हैं। धीरे-धीरे किसान भी सहमत हुए और उन्होंने तारों का इस्तेमाल बंद कर दिया।

 

इतना ही नहीं, बिश्नोई समाज ने इस क्षेत्र को वन्यजीव क्षेत्र घोषित करवाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में भी याचिका दायर की।

 

हिरणों की प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था भी की गई। साथ ही, खरपतवार को नष्ट करने का भी इंतज़ाम किया गया ताकि हिरणों को भरपूर चारा मिल सके।

इन सभी प्रयासों का ही सुखद परिणाम है कि आज बड़ोपल में हिरणों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। हिरणों के झुंड खुलेआम गांव में घूमते हुए देखे जा सकते हैं, जो एक मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करते हैं।

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