क्या आपको पता है हरियाणा के राजकीय पक्षी का नाम और विशेषताएं? नही तो जानने के लिए पढ़िए ये ख़बर

हरियाणा वीरों की भूमि अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और वनस्पतियों और जीवों के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि हरियाणा का एक राजकीय पक्षी भी है । नही जानते तो इस लेख आप जानेंगे राजकीय पक्षी,।

 

दरअसल, 1975 में, काले तीतर (फ्रैंकोलिनस फ्रैंकोलिनस) को आधिकारिक तौर पर हरियाणा का राजकीय पक्षी घोषित किया गया था। यह चुनाव केवल एक संयोग नहीं था, बल्कि यह वीरता, धैर्य और भव्यता के गुणों का प्रतीक है जो हरियाणा के लोगों को परिभाषित करते हैं।

 

 

काला तीतर एक मध्यम आकार का पक्षी है जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। इसे एक तरीके से घरेलू मुर्गी का दूर का रिश्तेदार है और तीतर परिवार का सदस्य है।

 

काला तीतर बेहद शर्मिला पक्षी है। इसका सिर घुमावदार होता है और इसकी आंख की पुतली का रंग भूरा होता है। सिर का अगला भाग भूरा होता है और गला काले रंग का होता है। इसकी लंबाई 33 से 35 सेमी. होती है और वज़न लगभग 500 ग्राम होता है। इसका प्रमुख रंग काला होता है। यह थोड़ी दूरी तक ही उड़ता है और सीधा उड़ता है।

 

अपनी उड़ान के दौरान यह पंख फड़फड़ाने के बजाय कभी-कभी पंख फैलाकर भी उड़ता है। इसके पंख गोलाई लिए हुए होते हैं और पूंछ पर सफ़ेद-काली धारियां होती हैं। काले तीतर को अपनी 

चमकदार काली और सफेद पंखों, लाल पैरों और लंबी पूंछ के लिए जाना जाता है। नर मादा से थोड़े बड़े होते हैं और उनके पास अधिक चमकीले पंख होते हैं।

 

 

 

काले तीतर को हरियाणा का राजकीय पक्षी घोषित करने के पीछे कई कारण हैं

काला तीतर एक साहसी पक्षी है जो खतरों का सामना करने से नहीं डरता। यह शिकारियों से बचाने के लिए जमीन पर सपाट लेटने और छिपने के लिए जाना जाता है।

 

काले तीतर अपने चमकीले काले और सफेद पंखों और लंबी पूंछ के साथ एक सुंदर पक्षी है। यह अपनी भव्यता और गर्वित मुद्रा के लिए जाना जाता है।

काले तीतर को एक लाभकारी पक्षी माना जाता है क्योंकि यह फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को खाता है।

 

काले तीतर का हरियाणा की संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। यह लोककथाओं, गीतों और नृत्यों में चित्रित किया गया है।

 

 

काले तीतरों की आबादी धीरे-धीरे कम हो रही है, जिसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं, जैसे कि प्राकृतिक आवास का विनाश, शिकार और कीटनाशकों का उपयोग। इन खतरों से काले तीतरों की रक्षा के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें:

 

काले तीतरों के प्राकृतिक आवासों को बचाने और बहाल करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

 

काले तीतरों के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

लोगों को काले तीतरों के महत्व और उन्हें बचाने के तरीकों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं

काला तीतर न केवल हरियाणा का राजकीय पक्षी है, बल्कि यह वीरता, धैर्य और भव्यता का प्रतीक भी है। यह हरियाणा की संस्कृति और पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। काले तीतरों की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

 

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